बाघिन की कॉलर आईडी गिरी,नही मिल रही लोकेशन,वनकर्मियों की सांसे फूली

बाघिन की कॉलर आईडी गिरी,नही मिल रही लोकेशन,वनकर्मियों की सांसे फूली
एसटीआर की क्विक रिस्पॉन्स टीम ने लिया जायज़ा
जंगल मे जगह जगह लगाये ट्रैप कैमरे
अकील अहमद अक्कू
बैतूल ।बीते एक साल से बैतूल रेन्ज को अपना ठिकाना बना चुकी कॉलर आईडी वाली बाघिन की 4 दिनों से लोकेशन नही मिलने से वनकर्मियों की सांसें फूल गई है ।एसटीआर की क्विक रिस्पॉन्स टीम को सूचना मिलने पर टीम भी जंगल का जायज़ा लेकर लौट गए है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 4 दिन पहले तक बैतूल रेन्ज के जंगल मे घूम रही कॉलर आईडी वाली बाघिन अचानक गायब हो गई जिसके बाद से वनकर्मियों ने जंगल मे तलाश तेज़ कर दी साथ ही जगह जगह ट्रैप कैमरे भी लगाए लेकिन कोई नतीजा नही निकलता देख सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियो को सूचित किया गया साथ यह भी सूचना दी गई कि कॉलर आईडी की लोकेशन एक ही स्थान पर आरही है ।सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की दो सदस्यीय क्विक रिस्पॉन्स टीम ने लोकेशन वाली जगह पर पहुंच कर देखा तो बाघिन की कॉलर आईडी टूटी हुई हालत में मिली ।उत्तर वन मण्डल के डीएफओ राकेश डामोर ने कालका न्यूज़ को बताया कि बाघिन की आईडी का पट्टा गल गया था जिसकी वजह से लोकेशन एक ही जगह आरही थी कॉलर आईडी मिल गई है फिलहाल गर्मी ज़्यादा होने की वजह से बाघिन की लोकेशन नही मिल रही है कॉलर आईडी होने से लोकेशन जल्द ही मिल जाती है ।श्री डामोर ने बताया कि एसटीआर की क्विक रिस्पॉन्स टीम संतुष्ट हो कर लौट गई है ।बाघ एक बार पचास किलो मीटर चलता है ऐसे में कुछ कहा नही जासकता की बाघिन सतपुड़ा तरफ निकली है या मेल घाट कॉरिडोर तरफ जब तक वह किसी वन्य जीव या पालतू पशु का शिकार नही करती तब उसे ट्रेस करना थोड़ा दुश्वार है ।हमारी टीम लगातार सर्चिंग में लगी हुई है जल्द ही ट्रेस कर लेंगे ।