जल जीवन बनाम भ्रष्टाचार मिशन (तरतीबवार-4) जिले भर के जनप्रतिनिधि जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार से वाक

जल जीवन बनाम भ्रष्टाचार मिशन
(तरतीबवार-4)
जिले भर के जनप्रतिनिधि जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार से वाकिफ़
कार्यवाही करवाने और शिकायतों से सभी का परहेज़
पार्टी फंड या मिशन में सत्तासीन दल के पदाधिकारियों की इजारेदारी वज़ह
बैतूल। जल जीवन मिशन का काम भले ही जमीन पर लंगड़ाते नज़र आ रहा है लेकिन विभाग के अधिकारी कागजों पर मिशन को बहुत तेजी से दौड़ा रहे है। इसकी जांच होनी चाहिए परंतु यह जांच करेगा कौन और करवाएगा कौन यह बड़ा सवाल है। चूंकि बैतूल में सत्तासीन दल बीजेपी के कुछ पदाधिकारी ही मिशन में इजारेदार बने बैठे है। विभाग भी उनकी आवभगत में लगा हुआ है। जिससे जिले में जो जमकर भ्रष्टाचार बाहरी ठेकेदारों ने पीएचई अधिकारियों के संरक्षण में कर रखा है उस पर पर्दा डला रहे। जिले के कलेक्टर को विपक्ष के जनप्रतिनिधियों से लेकर परेशान ग्रामीणों ने कई शिकायतें कर रखी है। जिसके जवाब में पीएचई विभाग उस गांव के एक घर मे चलते हुए नल का वीडियो बनाकर एक महिला से बात कर कलेक्टर को दिखा देते इसी को जांच रिपोर्ट मान कर मामलें की मूल शिकायत से ध्यान हटा दिया जा रहा है। लेकिन इन शिकायतों पर कोई ठोस कार्यवाही करने या जांच दल गठित कर जांच नही करवाई जा रही हैं। दूसरा बड़ा बहाना पीएचई का यह है कि गर्मी का सीजन है भूजलस्तर नीचे चला गया है जिससे परेशानियां आ रही है। यह बात जिले के सांसद भी कह चुके है की भूजलस्तर गिरने से समस्या आ रही है। इसको लेकर ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि सरकार क्या जल जीवन मिशन में हजारों करोड़ों रुपए खर्च केवल बारिश और ठंड के सीजन में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी आपूर्ति करने के लिए कर रही हैं। गर्मी के सीज़न में जब लोगों को पानी की बेहद जरूरत होती है तब उन्होंने दर-दर की ख़ाक छाननी पड़ती है। जल जीवन मिशन में जिले में हुए कार्यों का केंद्रीय और प्रदेश स्तर की संयुक्त टीम गठित कर मिशन में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन होना चाहिए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सकें। वंही मिशन में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों पर उचित कार्यवाही हो सकें। प्रदेश में अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में हो रहे जल जीवन मिशन के कार्यों की जांच करवाने के निर्देश तक दे डाले है। बैतूल में जनप्रतिनिधियों को जनता सड़क पर रोककर जल संकट की समस्याओं से रूबरू करवा रही है लेकिन माननीय केवल पीएचई के अधिकारियों को फोन लगाकर इतिश्री कर रहे हैं।
बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जताई भ्रष्टाचार की आशंका,जांच की मांग की
बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल जिला प्रशासन को पत्र लिखा है.जिसमें उन्होंने जल जीवन मिशन योजना में हुए कार्यों की जांच की मांग की है.जल जीवन मिशन के कार्यों, आबंटित राशि और भौतिक सत्यापन कर जांच की रिपोर्ट देने को कहा है.जब अधिकारी इस मामले की रिपोर्ट सौपेंगे,तब पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश के सभी गांव और घरों में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लेकिन भोपाल जिले में अधिकारी कागज और फाइलों में ही नल कनेक्शन दे रहे हैं.इसकी जानकारी मिलने के बाद भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कलेक्टर को जांच करने के लिए पत्र लिखा है.सांसद ने भोपाल जिले में योजना के तहत आबंटित राशि से हुए कामों का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है.
पड़ोसी जिले के सांसद भी संसद में उठा चुके है मुद्दा
बीते दिनों देश की संसद में नर्मदापुरम के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने जल जीवन मिशन में हो रहे गुणवत्ताहीन काम को लेकर चिंता जाहिर की थी। सांसद सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के माध्यम लोकसभा सदन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के द्वारा पूरे देश में 'हर घर जल' पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। कुछ राज्यों को जो पैसे केंद्र सरकार भेज रही। उसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा। कहीं गुणवत्ताहीन पाइप उपयोग में लगा रहे, तो कहीं नल की टोटी नहीं लगाई जा रही, कही नाली को खोदकर बिछाई पाइप लाइन के बाद उसे व्यवस्थित नहीं किया गया। जबकि प्रावधान है कि सब कुछ ठीक करके देना है। सांसद ने कहा जिस तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निगरानी रखने और गुणवत्ता देखने सेंट्रल मॉनिटर्स नियुक्त किए गए थे। जिस कारण पीएम ग्राम सड़क अच्छी गुणवत्ता की बनी। उसी प्रकार जल जीवन मिशन योजना की देखरेख के लिए सेंट्रल मॉनिटर्स नियुक्त करें। ताकि सेंट्रल मॉनिटर्स राज्य, जिले, ग्रामों में जाकर जल जीवन मिशन की गुणवत्ता की जांच करती रहे और बेहतर तरीके से स्वच्छ पानी लोगों के घरों में पहुंच सकें। सांसद ने भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सेंट्रल मॉनिटर्स नियुक्त करने की मांग रखी।