भाग्य को भी परिवर्तित कर देते हैं भगवान शंकरः पं गुरुसाहब शर्मा

भाग्य को भी परिवर्तित कर देते हैं भगवान शंकरः पं गुरुसाहब शर्मा
शिवमहापुराण कथा में गणेश कार्तिकेय का जन्मोत्सव मनाया श्री गणेश के रिद्धि सिद्धि संग विवाह
झल्लार विक्की आर्य
भगवान को पाने का एकमात्र साधन निर्मल भक्ति है। मनुष्य को बिना स्वार्थ के भगवान के भक्ति करना चाहिए। स्वार्थवश की गई भक्ति सार्थक नहीं होती। भगवान शंकर माता पार्वती श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक हैं। मनुष्य को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान की भक्ति करना चाहिए। झल्लार में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन पंडित गुरु साहब शर्मा ने व्यक्त किये।
कथा के पांचवें दिवस पर भगवान श्री गणेश, श्री कार्तिकेय जन्म की कथा एवं आकर्षक झांकी सजाई गयी। कथाव्यास पंडित गुरु साहब शर्मा ने श्री गणेश के रिद्धि सिद्धि संग विवाह की कथा, तारकासुर वध की कथा भी श्रोताओं को सुनायी।
झल्लार राम मंदिर में हाे रही शिव महापुराण कथा के 5 दिन मे भगवान श्रीगणेश का रिद्धि-सिद्धि के साथ विवाह कराया। कथा स्थल को आकर्षक रोशनी और गुब्बारों से सजाया गया। इसके बाद भगवान गणेश की बारात ढोल-नगाड़ाें, बैण्ड़-बाजे व आतिशबाजी के साथ निकाली गई। गणेशजी की बारात में भगवान शिव भी बाराती बनकर आए। कथा स्थल पर आतिशबाजी कर धूमधाम से श्रीगणेश और श्रीरिद्धि-सिद्धि का विवाह हुआ। इससे पूर्व कथा सुनने आए महिलाओं ने विवाह सम्पन्न करवाने के लिए मंगल गीत गाए।